इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफॉर्मर क्या होता है? इंग्लिश आर्टिकल में जानेंगे के इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफार्मर क्या होता है तथा यह कितने प्रकार का होता है? और इसका उपयोग कहां होता है; धार
उच्च मान की वोल्टेज तथा विद्युत धारा मापक यंत्रों में प्रयोग किया जाने वाला ट्रांसफार्मर, इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफॉरर कहलाता है। यह मुख्यतः दो प्रकार का होता है,
- धारा ट्रांसफार्मर (Current Transformer or CT) तथा
- पोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर।(Potential Transformer prapt)
यह एक वोल्टेज स्टेप - अप अर्थात धारा अपचायक प्रकार का छोटा ट्रांसफार्मर होता है। इसकी प्राइमरी की वाइंडिंग में केवल एक - दो लपेटे अथवा एक सीधा और मोटा तार होता है जबकि सेकेंडरी वाइंडिंग, पतले तार की तथा अनेक लपेटे वाली बनाई जाती है। इस प्रकार प्राइमरी परिपथ की 100 से 200 एंपियर विद्युत धारा को केवल 1से 2 एम्पीयर्स विद्युत धारा में प्रवाहित किया जाता है और उसे सेकेंडरी से संयोजित 0-5 एंपियर एमीटर के द्वारा नाम लिया जाता है।
एमीटर का स्केल,0-150A मापसीमा के लिए अनुपातिक आधार पर अंकित कर दिया जाता है।
करंट ट्रांसफॉर्मर का चित्र
करंट ट्रांसफॉर्मर का रेशियो -करंट ट्रांसफॉर्मर का रेरेशियों 100/5 A, 250/5A, 500/1A 100/5A इस तरह की वैल्यू के साथ ct रेशियों होता है।
करंट ट्रांसफॉर्मर का उपयोग
- करंट ट्रांसफार्मर का उपयोग हम किसी सर्किट में फ्रीक्वेंसी और पावर में बिना कोई बदलाव की है वोल्टेज को घटाने या बढ़ाने के लिए करते हैं।
- यह इलेक्ट्रॉनिक उपकरण या मापने वाले उपकरणों के प्रसंस्करण के लिए उपयोगी है, जिन्हें प्राथमिक सर्किट और माध्यमिक सर्किट के बीच अलगाव की आवश्यकता होती है।
- यह उच्च-वोल्टेज धाराओं को कम करता है और आपको एक मानक एमीटर के साथ एसी ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से बहने वाले करंट की सुरक्षित निगरानी करने की अनुमति देता है।
पोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर(potential transformer or PT)
यह एक वोल्टेज अपचायक (Step - down)प्रकार का छोटा ट्रांसफार्मर होता है इसकी प्राइमरी वाइंडिंग पतले तार की तथा अनेक लपेटे वाली बनाई जाती है जबकि सेकेंडरी वाइंडिंग में मोटे तार केवल एक-दो लपेटे होते हैं। इस प्रकार प्राइमरी परिपथ के 11,000-22,000 बोल्ट को केवल 50 से 100 बोल्ट के बीच स्टेप डाउन किया जाता है और उसे सेकेंडरी से संयोजित 0 से 100 V बोल्ट मीटर के द्वारा नाम लिया जाता है, बोल्ट मीटर का स्केल,0-25000V मापसीमा के लिए अनुपातिक आधार पर अंकित कर दिया जाता है।
पोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर के प्रकार
पोटेंशियल ट्रांफॉर्मर का मुख्य दो प्रकार है।
- इंडोर पोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर तथा
- आउटडोर पोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर
आउटडोर पोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर -HT लाइन में आउटडोर HT Breaker इन्सटाल्ड होता है। इस ब्रेकर के साथ पोटेंशियल ट्रांसफार्मर का उपयोग किया जाता है। यहाँ PT की रचना आउटडोर के हिसाब से ही की जाती है।
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